दशहरे का दिन बुराई पर अच्छाई की जीत के लिए जाना जाता है. क्योंकि, इस दिन बुराई के प्रतीक रावण का दहन होता है. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, आज के दिन नक्षत्र और ग्रह ऐसा योग बनाते हैं, जिनमें यदि कोई उपाय किया जाए जो तो उसका लाभ साल भर बना रहता है. इस साल दशहरा 12 अक्टूबर दिन शनिवार को है. इस दिन लोग अपने जीवन को सफल बनाने के लिए तमाम उपाय करते हैं. लेकिन, शमी वृक्ष का पूजन अधिक फलदायी हो सकता है.

शमी के वृक्ष की पत्तियों को मां महालक्ष्मी और भगवान भोलेनाथ को भी समर्पित किया जाता है. कहा जाता है कि, ऐसा करने से घर में संपन्नता आती है. साथ ही शनि दोष से भी मुक्ति मिलती है. अब सवाल है कि आखिर धन लाभ के लिए दशहरे पर शमी के वृक्ष की पूजा कैसे करें? क्यों शुभ फलदायी माना जाता है शमी? दशहरे पर शमी वृक्ष की पूजा के लाभ? इस बारे में News18 बता रहे हैं उन्नाव के ज्योतिषाचार्य ऋषिकांत मिश्र शास्त्री-

क्या है शमी और शनि का संबंध

 शमी का संबंध शनिदेव से है और यह भगवान शिव को भी बहुत प्रिय होता है. इसलिए शमी के वृक्ष की पूजा करने से शनि ग्रह संबंधी दोष जैसे शनि की साढ़े साती, शनि की ढैय्या आदि समाप्त होते हैं.

धन की बरकत के लिए उपाय

दशहरा इस बार 12 अक्टूबर शनिवार के दिन है इसलिए सुबह जल्दी उठें और शमी के गमले की रेत में एक सुपारी और एक सिक्‍का गाढ़ दें. फिर हर रोज लगातार 7 दिन तक शमी के पेड़ के नीचे तिल के तेल का दीपक जलाएं, ऐसा करने से आपके धन में बरकत होगी.

शमी वृक्ष की पौराणिक कथा

महाभारत की एक कथा के अनुसार, जब पांडवों को अज्ञातवास मिला था, तब उन्होंने अपने अस्त्र-शस्त्र शमी वृक्ष में छिपाकर रखे थे. इसके बाद उन्होंने महाभारत युद्ध में इन्हीं हथियारों का उपयोग कर विजय प्राप्त की थी. इससे शमी वृक्ष को विजय और शक्ति का प्रतीक माना जाता है.

दशहरे पर शमी की ऐसे करें पूजा

दशहरे के दिन शमी के पेड़ की पूजा करने के लिए सबसे पहले आप शमी के पेड़ के पास पहुंचकर प्रणाम करें. फिर जल की धारा प्रवाहित करें. चंदन अक्षत लगाएं. साथ ही पुष्प अर्पित करें. फिर शमी के पेड़ के पास दीपक जलाकर आरती उतारें. हाथ जोड़कर प्रार्थना करें.

दशहरे के दिन शमी वृक्ष की पूजा करने से व्यक्ति कई प्रकार के संकटों से बचता है. साथ ही उसे हर क्षेत्र में सफलता मिलती है.
विजयदशमी के दिन अगर शमी की पूजा की जाए तो घर से हर तरह का तंत्र-मंत्र व बाधा का असर खत्म हो जाता है.
साथ ही शमी का पूजा करने से सभी प्रकार के दोष समाप्त हो जाते हैं. शनि की साढ़ेसाती, ढैय्या का प्रभाव भी कम होता है.