लखनऊ। उत्तर प्रदेश में 10 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होना है। इसके लिए सभी दल अपनी तैयारी कर रहे हैं। भाजपा ने तय किया है कि 9 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारेगी और एक सीट किसी सहयोगी को देगी। इस आशयक निर्णय बीती रात भाजपा हाईलेवल की बैठक में हुआ है। बैठक में प्रत्याशियों के नामों पर सहमति बन गई है, और केंद्रीय नेतृत्व ने 9 सीटों पर खुद चुनाव लड़ने का निर्णय लिया है। साथ ही इन सीटों पर नए चेहरों को उतारने की संभावना जताई जा रही है, विशेष रूप से जातीय समीकरण को ध्यान में रखते हुए। 
मीरापुर सीट को रालोद (राष्ट्रीय लोक दल) को देने पर सहमति बनी है, क्योंकि 2022 में यह सीट रालोद ने जीती थी। बाकी 9 सीटों पर भाजपा अपने सिंबल पर चुनाव लड़ेगी। बैठक में इस बात पर भी सहमति बनी कि चुनाव अधिसूचना जारी होने के बाद ही प्रत्याशियों की सूची सार्वजनिक की जाएगी। 20 अक्टूबर तक अधिसूचना जारी होने की उम्मीद है। भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के आवास पर यह बैठक हुई, जिसमें केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य और ब्रजेश पाठक समेत अन्य वरिष्ठ नेताओं ने भाग लिया। बैठक में सभी सीटों पर गहन चर्चा की गई और प्रत्याशियों के पैनल पर विचार किया गया। कुछ सीटों के लिए प्रत्याशियों के नाम तय कर दिए गए हैं, जबकि कटेहरी, मझवां, फूलपुर और मिल्कीपुर सीटों पर अभी अंतिम फैसला नहीं हुआ है। भाजपा ने इन सीटों के जातीय समीकरणों को ध्यान में रखते हुए पिछड़े नेताओं को मौका देने की योजना बनाई है।
बैठक के दौरान यूपी के नेताओं ने केंद्रीय नेतृत्व को अब तक की चुनावी तैयारियों की जानकारी दी, जिसमें प्रचार, संपर्क और संवाद के कार्यक्रमों का विवरण शामिल था। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा सभी सीटों पर किए गए विकास कार्यों के लोकार्पण और शिलान्यास का भी उल्लेख किया गया। केंद्रीय नेतृत्व को 8-9 सीटें जीतने का भरोसा दिया गया है। इसके साथ ही समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी के उम्मीदवारों के खिलाफ रणनीति तैयार करने पर भी चर्चा हुई, खासकर सपा के कब्जे वाली सीटों पर अधिक प्रभावी तरीके से काम करने पर सहमति बनी। कटेहरी और मझवां सीटों पर संजय निषाद की दावेदारी को लेकर भी बैठक में चर्चा हुई, और उन्हें मनाने की जिम्मेदारी प्रदेश अध्यक्ष भूपेन्द्र चौधरी और दोनों उप मुख्यमंत्रियों को सौंपी गई है।