लखनऊ । उत्तर प्रदेश में उपचुनाव की घोषणा होने के साथ ही सियासी गर्मी बढ़ गयी है। उपचुनाव की तैयारियों को लेकर समाजवादी पार्टी ने अपने बड़े नेताओं से लेकर फ्रंटल संगठनों के सदस्यों को जमीन पर उतार दिया है। पार्टी के बड़े नेताओं को एक-एक सीट की जिम्मेदारी सौंपी गई है। जिन नेताओं को सीटों का प्रभारी बनाया गया है, वे लगातार कैंप कर रहे हैं। सपा मुखिया अखिलेश यादव उपचुनाव वाली सभी सीटों पर प्रचार शुरू करेंगे। अखिलेश अपने चुनाव प्रचार की शुरुआत मैनपुरी की करहल सीट से कर सकते हैं। यह सीट अखिलेश के कन्नौज का सांसद बनने के बाद खाली हुई है।
सपा उपचुनाव की घोषणा से पहले ही इन सीटों पर लगातार कार्यकर्ता सम्मेलन कर रही है, जिसमें सपा के बड़े नेता शामिल हो रहे हैं। इसके अलावा अखिलेश उपचुनाव वाली सभी सीटों के जिलाध्यक्षों और पार्टी पदाधिकारियों के साथ विधानसभा क्षेत्रवार बैठक कर चुके हैं। कुछ दिन पहले ही सपा ने 6 सीटों पर प्रत्याशी घोषित किए थे। इनमें मिल्कीपुर सीट भी थी। मगर इस सीट पर अभी उपचुनाव की घोषणा नहीं हुई है।
सपा ने करहल से तेज प्रताप यादव, सीसमऊ से नसीम सोलंकी, फुलपुर से मुस्तफा सिद्दीकी, कटेहरी से शोभायात्रा वर्मा और मझवां से डॉ. ज्योति बिंद को टिकट दिया है। इन सीटों पर अब चुनावी तैयारियों को पूरा कराया जाना है। इस मामले में पार्टी की पूरी टीम के लगने की योजना है। स्वयं राष्ट्रीय अध्यक्ष यूपी चुनाव 2027 के सेमीफाइनल को जीतने की कोशिश में जुटने वाले हैं। उपचुनाव वाली नौ सीटों में से सपा आठ सीटों पर चुनाव लड़ सकती है, जबकि एक सीट कांग्रेस को दी जा सकती है। हालांकि इस पर अभी तक कोई निर्णय नहीं हुआ है। सपा के छह सीटों पर उम्मीदवार घोषित किए जाने के बाद अब गाजियाबाद, खैर, मीरापुर और कुंदरकी सीट बची है। इनमें गाजियाबाद कांग्रेस के हिस्से आ सकती हैं।