बेंगलुरु । कर्नाटक में अब मामलों की जांच सीबीआई नहीं कर सकेगी। कर्नाटक की कांग्रेस सरकार ने जांच के लिए सीबीआई को दी सामान्य सहमति वापस लेने का फैसला किया। इसके पहले बीजेपी ने मुख्यमंत्री सिद्धारमैया से जुड़ा मुडा केस सीबीआई को सौंपने की मांग की थी। दरअसल, राज्य सरकारों के अधिकार क्षेत्र में जांच के लिए उन सरकारों से सहमति की जरूरत होती है।
कर्नाटक के कानून मंत्री एच. के. पाटिल ने कहा कि ऐसा इसलिए किया है, क्योंकि यह साफ है कि सीबीआई या केंद्र सरकार अपने साधनों का इस्तेमाल करते समय उनका विवेकपूर्ण इस्तेमाल नहीं कर रही है। हम सीबीआई के गलत इस्तेमाल पर चिंता जता चुके हैं। कर्नाटक सरकार ने जितने भी केस सीबीआई को रेफर किए, उसमें चार्जशीट दाखिल नहीं की गई।
दरअसल, मुडा केस में मुख्यमंत्री सिद्धारमैया जांच का सामना कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि दिन-प्रतिदिन यह चिंता व्यक्त की जा रही है कि कई मामलों में सीबीआई का दुरुपयोग हो रहा है।
वहीं सिद्धरमैया ने फिर से एमयूडीए द्वारा अपनी पत्नी को 14 भूखंड आवंटित करने में किसी भी गलत चीज से इंकार कर अपने खिलाफ आरोपों को भाजपा की साजिश करार दिया। सिद्धरमैया ने कहा कि वह कानूनी लड़ाई लड़ने को तैयार हूं।