प्रतापगढ़ । जिले के लीलापुर थाना क्षेत्र के एक गांव में खेत में बकरी चराने गई हैवानियत की शिकार हुई किशोरी की गुरूवार शाम इलाज के दौरान प्रयागराज के एसआरएन अस्पताल में मौत हो गई। देर रात शव के पोस्टमार्टम के बाद सुबह शव घर लाया गया। किशोरी दो भाई व चार बहनों में सबसे छोटी थी। कक्षा आठ पास करने के बाद पढ़ाई छोड़ दी थी। आक्रोशित परिजन आरोपी का घर बुलडोजर से गिराने व शव उसके घर के सामने दफनाने पर अड़ गए। सीओ के लिखित आश्वासन पर परिजन अंतिम संस्कार को तैयार हुए।
मिली जानकारी के अनुसार बीते छह अक्टूबर को किशोरी दोपहर में घर से बकरी चराने के लिए निकली थी। वह बाजरे के खेत में करीब तीन बजे लहूलुहान और मरणासन्न अवस्था में मिली थी। उसके हांथ पीछे की तरफ बंधे हुए थे। गले में दुपट्टा लेपेटा हुआ था। परिजन उसे इलाज के लिए राजा प्रताप बहादुर अस्पताल ले आये। यहां पर चिकित्सकों ने उसे प्राथमिक उपचार के बाद एसआरएन अस्पताल प्रयागराज के लिए रेफर कर दिया, जहां पर जिंदगी और मौत से लड़ते हुए पीड़ित किशोरी गुरुवार की शाम जिंदगी की जंग हार गई।
वहीं किशोरी के पिता ने बुधवार को आरोपी के पिता कैलाश पुत्र नान्हू, मां सुनीता पत्नी कैलाश, व रिश्तेदार पिंटू, निवासी धारुपुर पर गाली गलौज देने व जान से मारने की धमकी देने का आरोप लगाते हुए तहरीर दी। जिस पर भी पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर लिया। किशोरी की अस्पताल में इलाज के दौरान मौत होने के बाद शव घर लाया गया। शव आने के बाद परिजन आरोपी के माता-पिता व रिश्तेदार की गिरफ्तारी करने व मुख्यमंत्री तथा जिलाधिकारी प्रतापगढ़ को बुलाने के साथ ही आरोपी के घर बुल्डोजर चलाए जाने व आरोपी कि जमीन में बेटी का शव दफन कराए जाने की मांग पर अड़ गए।