कांग्रेस विधायक जीतू पटवारी सहित तीन को एक-एक साल का कारावास
भोपाल । राजगढ़ में कलेक्ट्रेट का घेराव, पत्थरबाजी के मामले में राजधानी के विशेष एमपीएमएलए न्यायालय ने वर्ष 2018 से लंबित मामले की सुनवाई करते हुए कांग्रेस विधायक एवं पूर्व मंत्री जीतू पटवारी और उनके साथी सुरेन्द्र, कृष्णमोहन ,घनश्याम को एक-एक वर्ष के कारावास एवं 10 -10 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई है। यह सजा विशेष न्यायाधीश विधान माहेश्वरी ने शनिवार को सुनाई। इसके अलावा अनुपस्थित होने पर 10 आरोपितों के विरुद्ध गिरफ्तारी वारंट जारी किए गए हैं। इस मामले में तीन आरोपी पहले से फ़रार हैं। चारों को जुर्माना भरने के बाद जमानत मिल गई है।
यह है मामला
युवक कांग्रेस द्वारा किसानों व आमजन की समस्याओं को लेकर एक सितंबर 2009 को पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के नेतृत्व में राजगढ़ कलेक्ट्रेट का घेराव किया था। प्रदर्शनकारियों का कहना था कि किसानों को समय पर बिजली और खाद-बीज नहीं मिल रहे हैं। तात्कालीन राऊ विधायक एवं युवक कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी भी इसमें शामिल थे। पुलिस ने कलेक्ट्रेट की ओर बढ़ते हुए प्रदर्शनकारियों को रोकने का प्रयास किया। इसी बीच पुलिस व कार्यकर्ताओं के बीच झूमा-झटकी की नौबत भी बन गई थी। इस दौरान कुछ लोगों ने पथराव शुरू कर दिया। पथराव में दिग्विजय सिंह घायल हुए। वहीं कलेक्ट्रेट गेट के कांच सहित कुछ शीशे भी टूटे। इस घटना के बाद राजगढ़ कोतवाली में राऊ विधायक जीतू पटवारी, पूर्व विधायक कृष्ण मोहन मालवीय, युवक कांग्रेस के अध्यक्ष रहे चंदरसिंह सौंधिया सहित 17 लोगों के विरुद्ध शासकीय कार्य में बाधा पहुंचाने, तोड़फोड़ करने सहित उपद्रव करने का प्रकरण दर्ज किया था।
इन धाराओं में हुई सजा और जुर्माना
न्यायालय ने भारतीय दंड विधान की धारा 147 में छह माह एवं एक हजार रुपये अर्थदंड, आइपीसी की धारा 332 में छह माह और सात हजार रुपये जुर्माना, सार्वजनिक संपत्ति नुकसान निवारण कानून की धारा तीन में एक वर्ष की सजा और 2000 रुपये का जुर्माना लगाया है। आरोपितों के विरुद्ध राजगढ़ के कलेक्टर कार्यालय के मुख्य द्वार पर सहयुक्तिगण के साथ मिलकर विधि विरुद्ध जमाव कर सामान उद्देश्य के लिए पथराव किए जाने एवं पुलिस बल के साथ सहयोग न कर बलवा किए जाने, वाहनों में तोड़फोड़ सहित अन्य आरोप थे। सभी पर भारतीय दंड विधान की धारा-148, 294, 353, 332 या 332/149 323 या 323/149, 506 भाग दो, 336, 427 एवं धारा-3 प्रिवेंशन आफ डैमेज टू पब्लिक प्रापर्टी एक्ट 1984 के तहत आरोप सिद्ध पाए गए हैं।
पटवारी बोले- राजनीतिक द्वेषता प्रेरित केस, कमलनाथ ने कहा- अपील करेंगे
निर्णय आने के बाद जीतू पटवारी ने कहा कि माननीय न्यायालय के निर्णय का पूरा सम्मान है। जनहित के लिए संघर्ष जनप्रतिनिधि की मौलिक पहचान है, लोकतंत्र की रक्षा के लिए मैं संघर्ष करता रहूंगा। मेरे नेता राहुल गांधी भी राजनीतिक द्वेषता से प्रेरित ऐसे ही मुकदमे का सामना कर रहे हैं। हम नफरत के खिलाफ मोहब्बत की लड़ाई लड़ते रहेंगे।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री कमल नाथ ने ट्वीट किया कि भोपाल की एमपीएमएलए कोर्ट ने पूर्व मंत्री एवं कांग्रेस विधायक जीतू पटवारी को किसान आंदोलन के एक पुराने मुकदमे में सजा सुनाई है। हम अदालत के फैसले का सम्मान करते हैं, लेकिन इससे असहमत हैं। हम ऊंची अदालत में इस फैसले को चुनौती देंगे।
आगे क्या
विधानसभा के पूर्व प्रमुख सचिव भगवान देव इसराणी का कहना है कि लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम के अनुसार आपराधिक मामले में दो वर्ष या इससे अधिक की सजा सुनाई जाती है और आरोपित अपील नहीं करता है या सजा के विरुद्ध उसे स्थगन नहीं मिलता है तो उसकी सदस्यता निरस्त करने का प्रविधान है। चूंकि जीतू पटवारी को दो साल से कम की सजा हुई है इसलिए वे इस कानून के दायरे में नहीं आएंगे, और उनकी विधानसभा की सदस्यता पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा।