नई दिल्ली । केंद्रीय कपड़ा मंत्री गिरिराज सिंह द्वारा बिहार में मुस्लिम आबादी वाले पांच जिलों में चार दिवसीय हिंदू स्वाभिमान यात्रा निकालने वाले हैं। हालांकि, इस लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की जनता दल (यूनाइटेड) और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के बीच एक और विवाद पैदा हो गया है। दोनों दल एनडीए का हिस्सा हैं। जद (यू) नेता यात्रा के लिए केंद्रीय मंत्री सिंह के प्रस्ताव की आलोचना कर रहे हैं। जदयू नेताओं का दावा है कि यह राज्य में सांप्रदायिक सद्भाव को बिगाड़ देगा और ऐसा लगता है कि यह 2025 के विधानसभा चुनावों से पहले राजनीतिक लाभ के लिए दंगे कराने का प्रयास है।
गिरिराज के हिंदू स्वाभिमान यात्रा पर जदयू एमएलसी नीरज कुमार ने अपनी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि नीतीश ग्लोबल लीडर हैं। वे लगातार जनता से सीधे संवाद करते हैं। स्वाभिमान यात्रा (हिंदू) की बात पर कहा कि देश के अंदर संविधान है और संविधान यह शपथ दिलाता है कि जाति-धर्म से ऊपर उठकर काम करे। उन्होंने कहा कि यही शपथ लेकर संसदीय जीवन में काम किया जाता है। गिरिराज को सलाह देकर कुमार ने कहा कि एक हाथ में हिंदू स्वाभिमान यात्रा ले लीजिए और दूसरे हाथ में संविधान की शपथ के कागजात रख लीजिए। अच्छा लगेगा। 
हालाँकि, केंद्रीय मंत्री सिंह ने अपने प्रस्ताव का बचाव कर कहा है कि यात्रा हिंदुओं के बीच एकता लाएगी और जो लोग अब आपत्ति जता रहे हैं, उन्होंने तब जाहिर नहीं कि जब (राष्ट्रीय जनता दल नेता) तेजस्वी यादव ने मुस्लिम मतदाताओं को एकजुट करने के लिए एक यात्रा का आयोजन किया था। हिंदुत्व विचारधारा के एक प्रमुख चेहरे के रूप में पहचाने वाले गिरिराज सिंह ने कहा कि हिंदू स्वाभिमान यात्रा हिंदुओं को एकजुट करेगी, ताकि उन्हें बांग्लादेश में हिंदुओं की तरह काटा ना जाए। यात्रा भागलपुर से शुरू होगी, जहां से जदयू नेता अजय कुमार मंडल सांसद हैं। 18 अक्टूबर को पूजा और हवन के बाद यात्रा कटिहार, पूर्णिया और अररिया से गुजरते हुए किशनगंज में समाप्त होगी। सभी पांच जिले बिहार के सीमांचल का हिस्सा हैं और इसमें अच्छी खासी मुस्लिम आबादी है।