नई दिल्ली | थल सेनाध्यक्ष (सीओएएस) जनरल एम. एम. नरवणे ने बुधवार को कहा कि पूर्वी लद्दाख में यथास्थिति में एकतरफा बदलाव के चीनी प्रयासों पर सेना की प्रतिक्रिया बहुत मजबूत रही। उन्होंने यह भी कहा कि पिछले महीने नागालैंड में सुरक्षा बलों की गोलियों से जान गंवाने वाले नागरिकों के मामले की जांच की जा रही है।

नरवणे ने कहा, यथास्थिति को बदलने के चीनी प्रयासों के लिए सेना की प्रतिक्रिया बहुत मजबूत थी; हम चीनी डिजाइनों को विफल करने में सक्षम थे।

उन्होंने 4 दिसंबर को नागालैंड के ओटिंग जिला में सेना की फायरिंग में मारे गए नागरिकों की मौत को दुर्भाग्यपूर्ण करार दिया। उन्होंने कहा कि भारतीय सेना युद्ध के हालात में भी नागरिकों को नुकसान नहीं पहुंचाती। नागरिकों की सुरक्षा हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता होती है।

चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ यानी सीओएएस ने कहा, 4 दिसंबर को ओटिंग, नागालैंड में हुई खेदजनक घटना की गहन जांच की जा रही है। हम ऑपरेशन के दौरान भी अपने देशवासियों की सुरक्षा के लिए प्रतिबद्ध हैं।

उन्होंने कहा कि जहां पिछले दो साल कोविड महामारी और वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर स्थिति के कारण चुनौतीपूर्ण रहे हैं, वहीं सेना ने दोनों का कड़ा जवाब दिया है।

नरवणे ने कहा, हमने पिछले दो वर्षों में न केवल बलों, बल्कि बुनियादी ढांचे और हथियारों को भी बढ़ाया है। सड़कें, सुरंगें, भंडारण सुविधाएं स्थापित की गई हैं। हम डेढ़ साल पहले की तुलना में काफी बेहतर स्थिति में हैं। हम किसी भी चुनौती के लिए तैयार हैं।