लखनऊ। ग्लोबलाइजेशन के इस दौर में युवा पीढ़ी के लिए उज्जवल भविष्य की अपार संभावनायें हैं, ऐसे में यह जरूरी है कि छात्रों को वैश्विक दृष्टिकोण के साथ उद्देश्यपूर्ण एवं स्किल बेस्ड शिक्षा प्रदान की जाये, जिससे कि युवा पीढ़ी के लिए वैश्विक सफलता का मार्ग प्रशस्त हो सके। यह विचार हैं सिटी मोन्टेसरी स्कूल की प्रबन्धक प्रो. गीता गाँधी किंगडन के, जो आज नई दिल्ली में आयोजित इण्डिया ग्लोबल एलायन्स फोरम में प्रमुख वक्ता के तौर पर बोल रही थीं। इण्डिया ग्लोबल एलायन्स फोरम का आयोजन आज नई दिल्ली के होटल ललित में कालेज बोर्ड, अमेरिका के तत्वावधान में किया गया, जिसमें देश-विदेश के कई प्रख्यात शिक्षाविद्ों ने प्रतिभाग किया।


इस अवसर पर प्रो. किंगडन ने ‘एक्सपैंडिंग एक्सेस टु रिगर - ए स्टूडेन्ट फर्स्ट एप्रोच’ विषय पर बोलते हुए आगे कहा कि सिटी मोन्टेसरी स्कूल अपने छात्रों में वैश्विक दृष्टिकोण के विकास एवं उनकी प्रतिभा को प्रोत्साहित करने हेतु सदैव प्रयासरत है। विश्व के प्रतिष्ठित संस्थानों में छात्रों के उच्चशिक्षा के सपने को पूरा करने के लिए सी.एम.एस. ने कालेज बोर्ड के अनुमोदन के उपरान्त एस.ए.टी. (सैट) एवं एडवान्स प्लेसमेन्ट (ए.पी.) टेस्ट सेन्टर स्थापित किए हैं, जिसके माध्यम से प्रतिवर्ष भारी संख्या में छात्र स्कॉलरशिप के साथ विश्व के सर्वश्रेष्ठ विश्वविद्यालयों में उच्चशिक्षा हेतु चयनित होते हैं। इस सम्मेलन में प्रो. किंगडन के साथ स्पेन के मिगुएल कोस्टा, इण्डियाना यूनिवर्सिटी के एसोसिएट वाइस प्रेसीडेन्ट फॉर इण्टरनेशनल सर्विसेज श्री जॉन विल्कर्सन, रेयान ग्रुप ऑफ इन्स्टीट्यूशन के डायरेक्टर डा. स्नेहल पिन्टो ने भी सारगर्भित विचार व्यक्त किये।


इण्डिया ग्लोबल एलायन्स फोरम के अन्तर्गत भारत समेत दक्षिण एवं मध्य एशिया के प्रमुख शिक्षाविद्ों ने एक अन्तर्राष्ट्रीय मंच पर भावी पीढ़ी के उज्जवल भविष्य की संभावनाओं पर गंभीर विचार-विमर्श किया, जिससे कि स्कूली शिक्षा के उपरान्त कालेज की उच्चशिक्षा हेतु छात्रों को बेहतर तरीके से तैयार किया जा सके। परिचर्चा में हायर एजूकेशन लैण्डस्केप - एम्पॉवरिंग स्मूथ ट्रांजीशन फ्राम हाई स्कूल, इवाल्विंग रोल ऑफ अससेमेन्ट इन एडमीशन, ग्लोबलाइजेशन एण्ड डायवर्सिटी, सोशिया-इकोनॉमिक स्टेटस - द फाइनल डायवर्सिटी फ्रन्टियर, मॉक एडमीशन थ्रु केस स्टडीज, इन्क्रीज्ड इम्फैसिस ऑन इम्प्यालबिलिटी, बेस्ट प्रैक्टिसेज इन रिक्रूटमेन्ट एवं रिफार्मिंग सेकेण्डरी स्कूल करिकुला एण्ड एसेसमेन्ट जैसे विषयों पर व्यापक चर्चा हुई। इसके अलावा, छात्रों को भविष्य के लिए तैयार करने में शिक्षकों की चुनौतियों एवं प्रेरक तत्वों पर भी विचार-विमर्श किया गया।


परिचर्चा में एरियल लीताओ लियोनेली, एसोसिएट डायरेक्टर, मैसाचुसेट्स इन्स्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, अमेरिका, रयान हारग्रेव्स, एक्जीक्यूटिव डायरेक्टर, यूनिवर्सिटी ऑफ कनाडा, कनाडा, तरुण आनंद, चेयरमैन, ए.आई. यूनिवर्सिटी, भारत, रोशन वॉल्करली, यूनिवर्सिटी ऑफ कैम्ब्रिज, यूनाइटेड किंगडम, डा. अनन्या मुखर्जी, वाइस-चांसलर, शिव नादर यूनिवर्सिटी, भारत समेत अनेक मूर्धन्य विद्वजनों व शिक्षाविद्ों ने सारगर्भित विचार व्यक्त किये।कालेज बोर्ड अमेरिका की एक शैक्षिक संस्था है जो कई देशों में सैट, एपी एवं पीसैट व अन्य अन्तर्राष्ट्रीय परीक्षण कराती है, जिनके अंको के आधार पर छात्रों के दुनिया के सर्वश्रेष्ठ विश्वविद्यालयों में उच्चशिक्षा का अवसर मिलता है।