लखनऊ । उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने खाने को दूषित किए जाने के मामलों को गंभीर हो चली है। राज्य सरकार खाने-पाने की चीजों में थूकने या गंदगी मिलाने जैसी घटनाओं को रोकने के लिए कड़ा कानून बनाएगी। प्रस्तावित कानून में तीन से पांच साल तक जेल और एक लाख रुपये तक जुर्माना का भी प्रस्ताव किया गया है। सीएम योगी आदित्यनाथ ने गृह विभाग और राज्य विधि आयोग की ओर से तैयार प्रस्तावित कानून के ड्राफ्ट पर विचार विमर्श किया। उन्होंने जल्द से जल्द इसे अंतिम रूप देने के निर्देश दिए हैं।
गौरतलब है कि प्रदेश में पिछले दिनों सोशल मीडिया पर कई ऐसे विडियो वायरल हुए थे जिनमें जूस, दाल, रोटी जैसी खान-पान की चीजों में दुकानदार या बावर्ची, थूकते हुए देखे गए थे। कुछ जगहों पर गंदगी मिलाने की भी शिकायतें थीं। सीएम ने इन घटनाओं पर सख्त कार्रवाई के लिए कानून तैयार करने को कहा था। बैठक में योगी ने कहा कि ऐसी घटनाएं वीभत्स हैं और आम आदमी के स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव डालने वाली हैं। यह सामाजिक सौहार्द पर भी प्रतिकूल प्रभाव डालती हैं। ऐसे कुत्सित प्रयास कतई स्वीकार नहीं किया जा सकते।
सीएम ने कहा कि हर खाद्य प्रतिष्ठान-दुकान पर विक्रेता का साइनबोर्ड अनिवार्य हो। कर्मचारी भी पहचान पत्र धारण करें। छद्म नाम रखने, गलत जानकारी देने वालों के विरुद्ध कठोरतम सजा का प्रावधान हो। सूत्रों का कहना है कि पिछले दिनों प्रशासन ने वेस्ट यूपी सहित कई जिलों में दुकानों पर साइन बोर्ड और विक्रेता का नाम अनिवार्य किया था। हालांकि, स्पष्ट कानून के अभाव में सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगा दी थी। प्रस्तावित कानून में इसका भी समाधान निकाला जाएगा। सीएम ने इन अपराधों को संज्ञेय और गैर जमानतीय श्रेणी में रखने को कहा है।