अवैध रूप से अस्पताल संचालित करने वाले दंपती को भेजा जेल
सोहागपुर । शोभापुर में अवैध रूप से तेजस्वनी अस्पताल चलाने वाले दंपती को न्यायालय ने जेल भेज दिया हैं। आरोपित दंपती वर्ष 2022 से शोभापुर में फर्जी अस्पताल चला रहे थे। जेएमएफसी मधुलिका मुले की अदालत ने दर्ज अपराध में आरोपित नीरज गुप्ता एवं उसकी पत्नी आरती साहू को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया हैं। अधिवक्ता शेर खान ने बताया कि आरोपित नीरज को पिपरिया जेल तथा आरती को नर्मदापुरम महिला जेल भेजा गया है।
यह था मामला
शोभापुर में संचालित तेजस्विनी अस्पताल की आम लोगों ने वर्ष 2022 में शिकायत की थी, जिस पर सोहागपुर बीएमओ डा रेखा सिंह गौर एवं उनकी टीम ने अस्पताल की जांच की। जांच के बाद पाया कि इस अस्पताल में कोई भी एमबीबीएस डाक्टर नहीं है बावजूद इसके अस्पताल संचालित हो रहा है और मरीजों का इलाज किया जा रहा हैं। इतना ही नहीं अस्पताल में आयुष्मान योजना के तहत मरीज को लाभ दिलाने, विशेषज्ञ डाक्टरों का होना भी दर्शाया जाता था। जब डाक्टर रेखा सिंह गौर अस्पताल की जांच की तो पाया कि यहां बायोमेडिकल वेस्ट के प्रोटोकाल का पालन नहीं किया जा रहा है। साथ ही मरीज के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है।
बीएमओ ने जांच कर अपना प्रतिवेदन वरिष्ठ अधिकारियों को भेजा, जिसके बाद अस्पताल चलाने वाले नीरज गुप्ता, आरती साहू सहित 5 के खिलाफ 27 सितम्बर 2022 को भादंवि की धारा 467, 468, 471, 420, 34 एवं मध्य प्रदेश उपचर्याग्रह तथा उपजोपचार संबंध संस्थाएं रजिस्टर्ड तथा अनुज्ञापन अधिनियम 1973 एवं धारा 24 मध्य प्रदेश राज्य आयुर्विज्ञान परिषद एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया।
इटारसी व शोभापुर से हुई गिरफ्तारी
पांच आरोपितों के खिलाफ तत्कालीन एसआइ वर्षा धाकड़ ने 27 सितंबर 2022 को अपराध दर्ज किया था। उसके बाद से ही सभी आरोपित फरार चल रहे थे। एसआइ धाकड़ का सोहागपुर से स्थानांतरण होने के कारण मामले को अब शोभापुर चौकी प्रभारी एसआइ मेघा उदेनिया देख रहीं थीं। एसआइ उदेनिया ने बताया कि नीरज गुप्ता को शोभापुर एवं आरती साहू को शुक्रवार को इटारसी से गिरफ्तार कर शनिवार को न्यायालय में पेश किया, जहां से दोनों आरोपितों को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया है। मामला दर्ज होने के बाद भी संचालित कर रहा था क्लीनिक सोहागपुर थाना प्रभारी चंद्रकांत पटेल ने बताया कि नीरज इतना शातिर है कि अपना हुलिया बदलकर वह् शोभापुर में दूसरे स्थान पर क्लीनिक संचालित कर रहा था। उसने ये सोचा कि उस समय के सभी अधिकारी चले गए हैं तो अब उसे कोई पहचान नहीं पाएगा। हमें उसका मोबाइल नंबर कहीं से मिला तो हमने लोकेशन ट्रेस की तो पता चला कि यह तो शोभापुर में ही हैं, तब शुक्रवार को घेराबंदी कर उसे गिरफ्तार कर लिया। मामले में अभी भी तीन आरोपित फरार चल रहे हैं जिनकी गिरफ्तारी जल्द की जाएगी।