पटना । पटना में मंगलवार को कोरोना से पांच की मौत हो गई है, जबकि 2202 नए संक्रमित मिले। अब सक्रिय संक्रमितों की संख्या बढ़कर 12 हजार 870 हो गई है। मरनेवालों में तीन की मौत एनएमसीएच में जबकि पीएमसीएच और एम्स में एक-एक मरीज की मौत हुई। वहीं, अस्पताल में भर्ती होने वाले मरीजों की संख्या भी बढ़ी है। मंगलवार को पटना एम्स में 18 नए मरीज भर्ती हुए हैं। पीएमसीएच में मरने वाले विजय यादव और एम्स में मरने वाली उषा देवी पहले से ही कई अन्य बीमारियों से भी ग्रसित थीं। संक्रमितों में पीएमसीएच के सात डॉक्टर और 13 स्वास्थ्यकर्मी, एम्स के पांच डॉक्टर व आईजीआईएमएस के सात डॉक्टर शामिल हैं। पटना में छोटे बच्चे व किशोर भी बड़ी संख्या में संक्रमित मिल रहे हैं। मंगलवार को 10 वर्ष आयुवर्ग तक के 51 और 11 से 18 वर्ष आयुवर्ग के 100 लोग संक्रमित मिले। एम्स पटना में मंगलवार को 18 नए संक्रमित भर्ती हुए। यह तीसरी लहर के दौरान भर्ती होनेवाले मरीजों की सबसे अधिक संख्या है। अब वहां भर्ती मरीजों की संख्या 50 हो गई है। नए भर्ती होने वाले मरीजों में से 13 मरीज पटना के अलग-अलग इलाके के हैं। मंगलवार को वहां कुल 6139 लोगों की कोरोना जांच रिपोर्ट आई। उसमें 460 लोग पॉजिटिव पाए गए। इसमें 186 पटना के हैं। ओमिक्रॉन वेरिएंट की मार से बच्चे भी प्रभावित हैं। स्कूल बंद होने के बावजूद काफी संख्या में बच्चे संक्रमति हो रहे हैं। पटना में दस साल आयु तक के औसतन पचास बच्चे रोजाना कोरोना पॉजिटिव मिल रहे हैं। यदि अठारह साल तक के किशोर को देखा जाए तो 100 से 150 तक यह संख्या रह रही है। विशेषज्ञों का कहना है कि बच्चे अपने परिवार के जरिए ही संक्रमित हो रहे हैं। चूंकि ओमिक्रॉन वेरिएंट का प्रसार बहुत तेज है। इसलिए परिवार में कोई भी संक्रमित होता है तो बच्चे आसानी से उसकी जद में आ जा रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग की ओर से जारी आंकड़ों के अनुसार मंगलवार को दस साल आयु तक के 51 बच्चे संक्रमित मिले। सोमवार को यह संख्या 55 और रविवार को 38 रही थी। इसी तरह 11 से 18 आयु वर्ग के बच्चे में मंगलवार को 100 संक्रमितों में सबसे ज्यादा संख्या 19 से 30 आयु वर्ग और 31 से 50 वर्ष आयुवर्ग के लोगों की रह रही है। मंगलवार को 19 से 30 वर्ष आयुवर्ग के 719 लोग संक्रमित पाए गए। वहीं 31 से 50 वर्ष आयुवर्ग के 980 लोग संक्रमित पाए गए। यह वह वर्ग है जो किसी ना किसी काम से घर से बाहर निकलते हैं।