उत्तर प्रदेश में बरेली पुलिस के दहेज हत्या के मामले में अधूरी चार्जशीट दाखिल करने पर अपर सत्र न्यायाधीश फास्ट ट्रैक कोर्ट रवि कुमार दिवाकर ने एसपी उत्तरी मुकेश चंद्र मिश्रा, सीओ नवाबगंज हर्ष मोदी को नोटिस जारी कर 7 अक्टूबर को तलब किया है। कोर्ट ने कारण स्पष्ट करने के लिए कहा है। साथ ही कहा कि क्यों न उनके खिलाफ विवेचना के पर्यवेक्षण में लापरवाही के लिए विभागीय कार्रवाई के लिए शासन को लिख दिया जाए।

सीओ नवाबगंज द्वारा की गई विवेचना में लापरवाही
दरअसल, बरेली जिले के थाना नवाबगंज में दर्ज दहेज हत्या के एक मामले की विवेचना सीओ नवाबगंज ने की थी। पुलिस ने 19 अगस्त को कोर्ट में चार्जशीट दाखिल कर दी। आरोपी जेल में बंद है। कोर्ट ने सुनवाई शुरू की तो पाया कि चार्जशीट पर विवेचक/सीओ और एसपी उत्तरी के स्पष्ट हस्ताक्षर और दिनांक तक नहीं हैं। इस पर कोर्ट ने कहा कि ऐसा प्रतीत होता है कि आपने महिला अपराध संबंधी गंभीर मामले में घोर लापरवाही की है। कोर्ट ने नोटिस की एक प्रति एडीजी को भेजने का आदेश भी दिया है।

17 अक्टूबर को थानाध्यक्ष की कोर्ट में पेशी का आदेश
बरेली में ही बलवा के एक मामले में गवाही के लिए तत्कालीन थानाध्यक्ष शेरगढ़ अखिलेश यादव के पेश न होने पर कोर्ट ने ASP सीतापुर को निर्देशित किया है कि वह 17 अक्तूबर को उनकी कोर्ट में पेशी सुनिश्चित कराएं। शेरगढ़ पुलिस ने 2015 में अहमद हुसैन आदि के खिलाफ बलवा समेत अन्य धाराओं में मामला दर्ज किया था। विवेचना के बाद तत्कालीन CO अखिलेश यादव ने चार्जशीट दाखिल कर दी थी। सुनवाई अपर सत्र न्यायाधीश कक्ष संख्या नौ अविनाश कुमार सिंह कर रहे हैं। बार-बार नोटिस के बाद भी विवेचक कोर्ट में पेश नहीं हुए। उनकी तैनाती फिलहाल सीतापुर में है। अब कोर्ट ने ASP सीतापुर को निर्देशित किया है कि वह उनकी उपस्थिति 17 अक्टूबर को सुनिश्चित कराएं।